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ऑर्गेनिक खेती कैसे शुरू करें?

ऑर्गेनिक खेती

कृषि हमारे देश का सब से पुराना व्यावसाय है। आज के दौर में किसानों को ज्यादा से ज्यादा ऑर्गेनिक कृषि अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। लेकिन पर्याप्त माहिती और ज्ञान के अभाव से किसानों के मन में जैविक कृषि के बारे में कई सारे भ्रम एवं नकारात्मक अभिगम है। वह यह मानते है कि जैविक कृषि अपनाने से शुरू से ही कृषि उत्पादन में कमी आयेगी व नुकसानी भुगतनी पड़ेगी। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। जैविक कृषि के बारे में सटीक ज्ञान और माहिती प्राप्त करने के बाद हम जैविक कृषि को सफलतपूर्वक अपना सकते है। जिसकी महत्तम जानकारी स:विस्तार रूप से नीचे दी गई है।

जैविक कृषि शुरू करने के लिए ध्यान में रखे जाने वाले महत्वपूर्ण मुद्दें: 

– जैविक खेती के बारे में ज्ञान प्राप्त करे:

जैविक कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा ले और किसान संगोष्ठियों को पूरा करे। उसके अलावा उन किसानों से संपर्क बनाए रखे जो पहले से इस व्यावसाय में है। इससे अनुभवी किसानों जो एक समान समस्या और प्रसनो से गुजरे है वह आपको जैविक खेती शुरू करने मै लाभदायक मार्गदर्शन मुहिया करवा सकते है।

– स्थल / भूमि का चयन:

स्थल या भूमि किसी भी उधम के सफल होने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जैविक कृषि स्थल / खेत स्वच्छ जल स्रोत के आसपास होना चाहिए। पानी फसल के विकास और स्वास्थ्य के लिए एक गैर पराक्रमी संसाधन है। खेत का कृषि बाजार से निकटता में होना भी खेत के टिकाऊ में बड़ी भूमिका निभाता है।

– फसल के अनुसंधान में भूमि का प्रकार पहचाने:

भूमि मै क्या उगाया जा सकता है, यह तय करते समय, भूमि कि मिट्टी की स्थिति और उपलब्ध रशयनिक वस्तुओ का आकलन करना बेहद महत्वपूर्ण है।

– बाजार की मांग को जानें:

यह जान ना बहुत जरूरी है कि बाजार में किस तरह के उत्पादों  की मांग है और वह उत्पादों के लिए बाजार की खरीद क्षमता क्या है। बहुत से उपज बाजारों में कम बिकते है या उनकी मांग कम होती है। इस लिए सही फसल का चुनाव करना / उगाना बहुत आवश्यक है।

– मिट्टी (भूमि) तैयार करे और जैविक खाद का उपयोग करे:

सभी अच्छी जैविक खेती का उत्पादन मिट्टी की अच्छी उर्वरा शक्ति और खाद के साथ शुरू होता है। अकार्बनिक मिट्टी उत्पादन जल्दी तैयार होता है मगर वे संभावित रूप से पौधों को नुक़सान पहुंचाते है। भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए जैविक खाद एवं जैव उर्वरकों का ही उपयोग करना चाहिए।

– फसल की मावजत:

पौधों को उगाने की प्रक्रिया काफी लंबी होती है। जैविक खेती करने में काफी समय लगता है और पारंपरिक खेती की तुलना में इस पर अधिक ध्यान देना पड़ता है। पौधों की वृद्धि और स्वास्थ्य के लिए पानी बहुत आवश्यक है। फसल के प्रकार के अनुरूप पौधों  को नियमित समय अंतराल में पानी उपलब्ध कराना चाहिए। सुबह के समय पौधों को पानी देना बहुत सहायक होता है। इसके साथ निराई और फसल के स्वस्थलक्षी महत्त्वपूर्ण कार्य पर नियमित रूप से ध्यान देना चाहिए।

– विशेषज्ञों से सलाह एवं नेटवर्क की तलाश करे:

ऐसे बहुत उदाहरण है जब किसान अपर्याप्त जानकारी के साथ जैविक खेती शुरू करते है। ऐसे में कृषि विशेषज्ञों से संपर्क करे और उनके द्वारा दी जाने वाली जरूरी जानकारी का पालन करे। ज्यादा जानकारी के लिए कई किताबे और ऑनलाइन ट्यूटोरियल जो इंटरनेट माध्यम पर उपलब्ध है जो कृषि विषयक हर पहलू को सुलझाने में मददगार होगा।

– धैर्य और संयम से काम ले:

कुछ किसान जैविक खेती करते हुए बहुत जल्दी से फसल उत्पादन लेने की आशा करते है। मगर जैविक फसल उगना एक धीमी और प्राकृतिक प्रक्रिया है। एक जैविक किसान को अप्रत्याशित परिदृश्यों के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार होना चाहिए। जे जैविक कृषक को लगातार दृढ़ निश्चय और धीरज रखनी पड़ती है।

अगर आप पहले से अकार्बनिक कृषि कर रहे है और अब अपने खेत में जैविक कृषि करना चाहते है तो:

– खेत के कुल क्षेत्रफल के आधे या उससे भी कम जगह में प्रायोगिक रूप से जैविक खेती करना शुरू करे और परिणाम जांचे।

– अब तक खेत में कृत्रिम खाद व जहरीले कीटनाशी दवाओं का प्रयोग होने से भूमि की जैविक संरचना बदल जाती है।

यह भूमि में अब जैविक खेती करने के लिए हर साल २५% से ३०% रासायनों के प्रयोग को कम करते जाइए। वहीं दूसरी साइड जैविक खाद आदि जैविक तत्वों के उपयोग की मात्रा सालाना २५% से ३०% बढ़ाते जाइए। इस तरह से उत्पादन की मात्रा में कमी लाए बिना सम्पूर्ण जैविक खेत बनने में ३ से ४ साल का समय लगेगा।

– आर्थिक नजरिए से:

अगर आप पहले से कृषि कर रहे है तो जैविक कृषि शुरू करने से आपकी कृषि में लगने वाली लागत में सीधी गिरावट आएगी। क्युकी जैविक कृषि में आपको महंगे कृत्रिम खाद तथा रासायानी कीटनाशक की जरूरत बिल्कुल नहीं है अंततः इन चीजों पर होने वाला खर्च नहीं होगा।

लेकिन अगर आप जैविक कृषि को व्यावसायिक तौर पर पहली बार शुरू करने जा रहे है तो खेत में होने वाले प्राथमिक खर्चे जैसे कि, भूमि का समतल स्तर बनाना, सिंचाई के तकनीकी साधन, खेती में उपयोगी अन्य तकनिकी साधन – सेवाओं आदि की लागत पहले चरण में आएगी।

– जैविक खेती शुरू करने के किए सहकारी प्रोत्साहन:

जैविक कृषि शुरू करने के लिए सरकार द्वारा सहकारी सब्सिडी, विभिन्न कृषि योजनाएं, बीमा सुरक्षा और अन्य कृषि सहायक प्रोतसाहन जारी किए जाते है। किसान आसान और सरल प्रक्रिया के माध्यम से यह सभी प्रोत्साहनों का लाभ उठा सकते है।

नोट:-

“जैविक कृषि पर पर्यावरणीय असर मुख्यरूप से प्रभाव डालते है। यह उस बात पर निर्भर करता है कि कौनसी जलवायु प्रदेश में खेती की जा रही है। इस लिए जैविक कृषि शुरू करने से पहले कृषि निष्णांतो की विशेषरूप से सलाह लेने के लिए आप से अनुरोध किया जाता है।”

यह थी जैविक खेती शुरू करने के लिए जरूरी जानकारी। उम्मीद है कि यह लेख आपको जैविक खेती शुरू करने में काफी मददरूप बना रहेगा। 

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