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डिप्रेशन के लिए 6 प्राणायाम एवं योगासन | Top 6 Pranayama for Depression and Anxiety

डिप्रेशन के लिए प्राणायाम एक बेहतरीन चिकित्सकीय विकल्प है जो नकारात्मक सोच एवं अवसाद (Depression) को ठीक करने में मददगार साबित होता है | डिप्रेशन को नकारात्मक रूप से जीवन जीने का तरीका कहा जा सकता है | आज के इस लेख में हम आपको डिप्रेशन अर्थात एंग्जायटी के लिए प्राणायाम के बारे में जानकारी देंगे |

इन प्राणायामों को अपनाकर व्यक्ति आसानी से डिप्रेशन अर्थात अवसाद की स्थिति से बाहर आ सकता है | योग एवं विज्ञानं एक विस्तृत विज्ञानं है | ये शाश्वत सत्य है कि योगी हमेंशा निरोगी रहता है | अगर कोई व्यक्ति जीवन भर रोगों से मुक्त रहना चाहता है तो उसे योग को अपनाना चाहिए | नित्य योग अभ्यास व्यक्ति को भविष्य में आने वाली गंभीर बीमारियों से छुटकारा दिला सकती है |

मानसिक अवसाद के लिए प्राणायाम जानने से पहले आपको डिप्रेशन के बारे में जानलेना चाहिए |

डिप्रेशन क्या है ? | What is Depression ?

डिप्रेशन या तनाव एक प्रकार का मानसिक रोग है जिसे अवसाद के नाम से भी जानते है | इसे आप साधारण भाषा में नकारात्मकता से भी जान सकते है | यह हमारे मष्तिष्क को प्रभावित करने वाली बीमारी है | अवसाद से ग्रसित व्यक्ति नकारात्मकता में जीता है | इससे उसका मानसिक संतुलन एवं कार्य करने की प्रकृति भी बदल जाती है |

व्यक्ति हमेंशा गलत विचारों एवं नकारात्मक के कारण समाज में उन्नति नहीं कर सकता | अत: तनाव या अवसाद की एसी स्थिति किसी भी इन्सान को सामाजिक उन्नति की तरफ जाने से रोकती है |

डिप्रेशन से ग्रसित व्यक्ति अधिक हिंसक, अपराधी एवं अकेला रहने का आदि बन सकता है | अत: समय रहते इस रोग की पहचान करके उपचार लेना चाहिए | इस रोग का उपचार योग एवं प्राणायाम को अपनाकर बड़ी आसानी से किया जा सकता है क्योंकि योग हमें शारीरिक सम्पनता के साथ मानसिक शक्ति भी प्रदान करता है |

डिप्रेशन से ग्रसित व्यक्ति के लक्षण |

तनाव से ग्रसित व्यक्ति में निम्न लक्षण दिखाई देते है | अगर आपको भी ये लक्षण दिखाई दें तो सतर्क हो जाये कंही आप भी डिप्रेशन के शिकार तो नहीं | चलिए जानते है क्या है लक्षण

  • हर समय मायूस रहना |
  • ज्यादा सोना या कम सोना |
  • अधिक भय लगना |
  • किसी से भी बातें न करना या कम करना |
  • किसी भी बात पर अधिक गौर न करना या फिजूल की बातों पर अधिक ध्यान देना |
  • मन कभी भी शांत न रहना |
  • अधिक क्रोध एवं चिडचिडापन
  • खुद को दूसरों से कम समझना |
  • अपने आप पर भरोसा न करना |
  • छोटी – छोटी बातों पर झगड़ा करना |
  • मौत या ख़ुदकुशी जैसे विचार आना |
  • हर समय नकारात्मक सोच का हावी रहना |
  • असफलता का अधिक भय |

दूसरों के प्रति भी नकारात्मक भाव रखना |

डिप्रेशन के लिए 6 प्राणायाम एवं योगासन | 6 Yoga Pranayama for Depression in Hindi

मानसिक तनाव से मुक्ति पाने के लिए योग एवं प्राणायाम बहुत लाभदायक है | प्राणायाम को अपनाने से हमें शारीरिक शक्ति के साथ – साथ मानसिक शांति भी मिलती है | जिससे मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है | योग, निद्रा एवं ध्यान के द्वारा हम डिप्रेशन जैसी स्थिति से बड़ी आसानी से बाहर निकल सकते है |

अगर आप डिप्रेशन से पीड़ित है तो नियमित इन निचे बताये गए प्राणायामों को अपना कर देखें आपको अपनी कार्यकुशलता एवं कार्यक्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि देखने को मिलेगी |

1. शीर्षासन योगासन द्वारा तनाव से मुक्ति

शीर्ष का अर्थ सिर के अग्र भाग से होता है | इस योगासन का शाब्दिक अर्थ होता है कि जो योग सिर के अग्र भाग से किया जाये वह शीर्षासन कहलाता है | इसे सभी योगो का राजा कहा जाता है | प्रतिदिन इसके अभ्यास से मस्तिष्क में नविन रक्त का संचार बढ़ता है एवं मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है |

करने की विधि:

सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाएँ | सिर को सामने की तरफ झुकाते हुए कम्बल पर रखें | दोनों हाथों की अँगुलियों को आपस में फंसाकर सिर के समीप घेरा बना लें | अब सिर की तरफ वजन देते कमर को उठायें | कमर ऊपर उठाने के बाद पैरों को भी ऊपर की तरफ करें | इसे करने के लिए शुरुआत में किसी दुसरे व्यक्ति का सहारा लिया जा सकता है |

डिप्रेशन में कैसे फायदेमंद है?:

  • यह प्राणायाम डिप्रेशन की समस्या में अत्यंत लाभदायक है |
  • मस्तिष्क में नविन रक्त का संचार बढ़ता है |
  • मानसिक विकार दूर होते है |
  • रक्त संचार बढ़ने से मस्तिष्क को राहत मिलती है |
  • शांत मस्तिष्क अधिक क्रियाशील एवं प्रभावी होता है |
  • व्यक्ति की नविन कार्य करने एवं सकारात्मकता की तरफ झुकाव रहता है |
  • इस आसान को करने से ओज एवं तेज बढ़ता है |
  • मानसिक अवसाद एवं मिर्गी रोग में भी फायदेमंद है |

2. सुखासन से डिप्रेशन एवं एंग्जायटी में राहत

सुखासन योग को करने से मानसिक परेशानियों में आराम मिलता है | यह डिप्रेशन के लिए किया जाने वाला एक अत्यंत लाभदायक योगासन है | नियमित कम से कम 10 मिनट इस योगासन को अपनाने से मष्तिष्क को शांति मिलती है | यह आपके तनाव को दूर करने, एकाग्रता बढ़ाने एवं मानसिक शांति बनाये रखने में अहम् भूमिका निभाता है |

सुखासन करने की विधि:

सबसे पहले एक समतल जगह पर बैठ जाएँ | अपने पैरों को सामने की तरफ फैलावे एवं एक पैर को दुसरे पैर के घुटने पर रखते हुए पालती मार कर बैठ जावें | कमर को सीधा रखें आँखों को बंद करलें | इसी अवस्था में श्वास एवं प्रश्वास की प्रक्रिया चलने दें | अपना ध्यान किसी एक चीज पर एकाग्र करने की कोशिश करें | शुरुआत में एकाग्र करना कठिन होगा लेकिन नियमित अभ्यास से आदत बन जावेगी |

डिप्रेशन में कैसे फायदेमंद है?

  1. ध्यान एवं एकाग्रता बढ़ाने के लिए यह अत्यंत लाभदायक है |
  2. अगर आप एकाग्र होना सिख गए तो डिप्रेशन अपने आप ही खत्म हो जाता है |
  3. मानसिक व्याधियों में फायदेमंद है |
  4. ध्यान करने से अध्यात्मिक उन्नति में भी फायदा मिलता है |
  5. आध्यात्मिकता से नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है |
  6. शरीर को बल मिलता है |
  7. शरीर को सम्पूर्ण निरोगी रखने में लाभदायक है |

3. नाड़ी शोधन प्राणायाम से डिप्रेशन का छुटकारा

नाड़ी शोधन का तात्पर्य नाड़ियों के शुद्धिकरण से है | शरीर के तंत्रिका तंत्र में किसी प्रकार के अवरोध के कारण विभिन्न प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक व्यवधान पैदा होते है | मानसिक अवसाद या डिप्रेशन की समस्या भी तंत्रिका तंत्र की विकृति के कारण हो सकती है | अत: नाड़ी शोधन प्राणायाम के द्वारा मानसिक तनाव से छुटकारा पाया जा सकता है |

कैसे करें: सबसे पहले सुखासन में बैठ जावे | कमर, गर्दन एवं सिर एक सीध में रखें | बायाँ हाथ घुटने पर रखें, दायें हाथ की अँगुलियों को दोनों बोंहो के बीच में रखें | दोनों कंधे समानांतर होने चाहिए | अब नाक के दाहिनी तरफ अंगूठे को व बाई तरफ के नासिका के बाहरी भाग पर अनामीका अंगुली को रखें | दायें नासिका छिद्र को अंगूठे से दबाव डालकर बंद कीजिये | पूरक एवं रेचक कीजिये |

डिप्रेशन में कैसे फायदेमंद है?

  1. मस्तिष्क को चुस्त, क्रियात्मक एवं संवेदनशील बनाता है |
  2. शरीरीक एवं मानसिक संतुलन स्थापित होता है, जिस कारण से सभी मानसिक रोगों जैसे डिप्रेशन में आराम मिलता है |
  3. एकाग्रता बढती है एवं मन शांत रहता है |
  4. कई गुण स्वत: बढ़ते है और मिथ्यात्व का धीरे – धीरे नाश होता है |
  5. डिप्रेशन से छुटकारा पाने के लिए नियमित इस प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए |

4. उज्जायी प्राणायाम

उज्जायी प्राणायाम एकाग्रता बढ़ाने एवं मानसिक व्याधियों को दूर करने में अहम् भूमिका निभाने वाला प्राणायाम है | अगर आप डिप्रेशन या एंग्जायटी से पीड़ित है तो निश्चित रूप से इस प्राणायाम को अपनाने से आपको आराम मिलेगा | उज्जायी प्राणायाम को नित्य सुबह 10 से 15 मिनट अभ्यास करने से तनाव (Depression) से मुक्ति मिलती है |

कैसे करें: सबसे पहले सिद्धासन या पद्मासन में बैठ जावें | अब दोनों नासिका छिद्रों से धीरे – धीरे वायु को अन्दर की तरफ खींचे | वायु इतनी जोर से खींचे की वह शब्द करती हुई कंठ से लेकर हृदय तक भर जावे | बिना आकुलता के कुछ समय तक के लिए कुम्भक करें | अब बाएं नासिका द्वार से रेचक की क्रिया करें अर्थात स्वास को बाहर छोड़े | जिस समय श्वास अन्दर खींचना हो उस समय छाती को फुलावे |

डिप्रेशन में कैसे फायदेमंद है?

  1. कफ का नाश करती है |
  2. नाड़ियों का शोधन करती है |
  3. एकाग्रता बढाती है |
  4. मानसिक व्याधियों में लाभ देती है |
  5. डिप्रेशन से छुटकारा मिलता है |
  6. अनिद्रा एवं मानसिक चिंता से मुक्ति मिलती है |
  7. उन्माद अर्थात मानसिक अवसाद या पागलपन की समस्या में भी इस प्राणायाम को अपनाने से लाभ मिलता है |
  8. साथ ही श्वांस, खांसी एवं दुष्ट वायु आदि रोगों में लाभ मिलता है |

5. ओंकार जाप प्राणायाम

ध्यान लगाने की किसी भी एक आसन में बैठ जावें | आँखों को बंद करें | गहरी श्वास भरकर ॐ का जाप करें | इस समय ॐ का जप एक लयबद्ध तरीके साथ ध्वनि करते हुए जाप करें | इस प्रक्रिया को 5 से 11 बार नित्य करें |

ॐ का जाप डिप्रेशन में कैसे फायदेमंद है?

इससे मानसिक विकार दुरे होते है | मन शांत एवं स्थिर होता है | नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है | अध्यात्मिक लाभ भी होते है | श्वर सुधर जाता है एवं व्यक्ति सकारात्मक एव आस्थावान बनता है | मानसिक रोगियों को इस प्राणायाम को अवश्य अपनाना चाहिए |

6. भ्रामरी प्राणायाम

इसे भ्रामरी प्राणायाम इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसको करते समय जो ध्वनि उत्पन्न होती है वो भौरें की तरह गुंजायमान होती है | भ्रामरी प्राणायाम करने से व्यक्ति मानसिक रूप से शशक्त बनता है | उसकी सोचने एवं समझने की क्षमता में वृद्धि होती है | मन शांत एवं एंग्जायटी से छुटकारा मिलता है

करने की विधि:

सबसे पहले सुखासन में बैठ जावें | दोनों नासिका छिद्रों से श्वास अन्दर लीजिये | अब दोनों हाथों की तर्जनी अंगुली से कानो के छिद्रों को बंद कर लीजिये | कुछ देर कुम्भक (श्वास रोकना) लगाकर अंत में भौरें की तरह आवाज करते हुए धीरे – धीरे हवा को बाहर निकालें | इसके 5 से 10 चक्र पुरे करने चाहिए |

डिप्रेशन में कैसे फायदेमंद है?

  • सभी प्रकार के मानसिक रोगों में आराम मिलता है |
  • डिप्रेशन एवं एंग्जायटी में अत्यंत लाभ मिलता है |
  • अनिद्रा रोग के कारण भी तनाव बनता है अत: इस प्राणायाम को करने से अनिद्रा रोग भी ठीक हो जाता है |
  • हृदय विकारों में लाभ करता है |
  • आवाज निर्मल होती है एवं व्यक्ति की सोचने एवं समझने की शक्ति भी प्रबल होती है |
  • विचारों की शुद्धि भी होती है | इससे नेगेटिव थॉट्स से मुक्ति मिलती है |

निष्कर्ष: डिप्रेशन के लिए प्राणायाम एवं योगासन एक ऐसा विकल्प है जिसका परिणाम तीव्रता से आता है | किसी प्रकार की दवा दारू नहीं करनी पड़ती एवं रोगी जल्द ही इससे बाहर आ सकता है | यहाँ हमने योग ग्रंथो से चुनकर योगासन एवं प्राणायामों के बारे में जानकारी दी है | जिनके इस्तेमाल से आप तनाव जैसी बिमारियों से आसानी से छुटकारा पा सकते है |

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